सिफ़ारिशहै एक तुम्हारी08-Nov-2021
सिफारिश हैं एक तुम्हारी
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सिफारिश है एक तुम्हारी,
बस दिल है तुम्हारा ,
अपना लो मुझे ,
बस यही है एक सिफारिश ,।
कुछ कहोगे नहीं...?
सन्नाटे को
चीरती हुई ख़ामोशी
डसती है मुझे ।
क्या कहूँ..?
मन का कोलाहल परेशान करता है
एक ही परिधि पर
बार बार चक्कर लगाकर
यह सिंदूरी शाम
और भी खूबसूरत होती
गर खुशी के साथ
साथ उदासी न आई होती...
देखो यह नदी का सिंदूरी पानी
संजो रही है खुद में
हमारा अक्स
शायद! यह भविष्य जानती है
पता है इसे
कि अगली दफा
प्रेम पुल का एक किनारा
ढह चुका होगा
वक़्त के तूफ़ान में...
कभी बरसों बाद यहाँ आओ
धुँधली सी कोई तस्वीर
उभर आये अगर
तो आश्चर्य-चकित मत होना
एक लंबी सांस भरना
और अपने उम्र के थके तलवों को
इस सिंदूरी पानी में डूबो लेना
बैठना कुछ देर
इस पुल के आग़ोश में
अपने प्रेम की गवाही देंगे तुम्हें
ये साँझ की दुल्हन
ये सिंदूरी पानी...!
मेरी इस सिफारिश को तुम अपना बना लेना ,
मेरी हर सांस को अपने सांसों में बसा
वक़्त प्रेम के ज़ख्म कभी भरने नहीं देता बार बार कुरेदता रहता है ..अच्छा जब रास्ते अलग,मंज़िल अलग,दिशा अलग ...फिर हम साथ कैसे हो सकते है ...है ना।
चलती हूँ...!!
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प्रिया पाण्डेय रोशनी
Sushil Kumar Pandey
22-Dec-2021 11:02 PM
Very nice
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Ramsewak gupta
09-Nov-2021 06:33 PM
Very excellent
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Seema Priyadarshini sahay
09-Nov-2021 06:17 PM
बहुत खूबसूरत
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